हमे क्या होना है हम मर्द है

हर मुश्किल को हंसकर सह लेते है
घर की जिम्मेदारियों को अपने कंधो पे ले लेते है
परिवार पर कोई मुसीबत ना आय उसका हमेशा ध्यान रखते है
दुख चाहे कितना भी हो लेकिन कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है"

बचपन से ही हमे सीखा दिया जाता है की मर्द रोते नही
कभी कभी रास्ता भटक जाते है लेकिन हम खोते नही
मुसीबते सर पे आने से हम ज्यादा सोते नही
कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है"

अपने पैरो पर खड़े होने की कोशिश करते है
कई बार गिर भी जाते है लेकिन वापस उठकर जी जान से मेहनत करते है
दर्द छुपाने की कला में कुछ इस कदर माहिर है की कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है"

कभी हमे भी कुछ समझ नही आता ये ज़िंदगी से
मन करता है हार मानले ये ज़िंदगी से
लेकिन परिवार का चेहरा सामने आने से उम्मीद और हिम्मत दोनो वापस लाने की कोशिश करते है
थोड़ी कोशिश रोने की भी करते है लेकिन कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है"

-आपसे फिर मिलूंगा मेरे अगले ब्लॉग में।






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