Posts

Showing posts with the label hindi blog

हमे क्या होना है हम मर्द है

Image
हर मुश्किल को हंसकर सह लेते है घर की जिम्मेदारियों को अपने कंधो पे ले लेते है परिवार पर कोई मुसीबत ना आय उसका हमेशा ध्यान रखते है दुख चाहे कितना भी हो लेकिन कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है" बचपन से ही हमे सीखा दिया जाता है की मर्द रोते नही कभी कभी रास्ता भटक जाते है लेकिन हम खोते नही मुसीबते सर पे आने से हम ज्यादा सोते नही कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है" अपने पैरो पर खड़े होने की कोशिश करते है कई बार गिर भी जाते है लेकिन वापस उठकर जी जान से मेहनत करते है दर्द छुपाने की कला में कुछ इस कदर माहिर है की कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है" कभी हमे भी कुछ समझ नही आता ये ज़िंदगी से मन करता है हार मानले ये ज़िंदगी से लेकिन परिवार का चेहरा सामने आने से उम्मीद और हिम्मत दोनो वापस लाने की कोशिश करते है थोड़ी कोशिश रोने की भी करते है लेकिन कोई पूछे हाल हमारा तो हम हंसकर कहते है "हमे क्या होना है हम मर्द है" -आपसे फिर मिलूंगा मेरे अगले ब्लॉग म...

सांप सीढी और ज़िंदगी

Image
आपने सांप सीढी का खेल तो जरूर खेला होगा १ से १०० तक जाना आसान तो नही था लेकिन कोशिश करने पर पोहचा जा सकता था कभी कभी तो अच्छी किस्मत या लक के कारण जल्दी सीडी मिल जाती और सांप भी नही खाता। कभी तो मुश्किल से सीडी मिलती और सीडी चढ़कर ही आगे सांप खा लेता और फिर से शुरू करना पड़ता और ये सिलसिला चलता ही रहता लेकिन १०० पर आके जीतने की खुशी कुछ अलग ही होती थी। इसी तरह ज़िंदगी भी सांप सीडी जैसी ही है कभी ऊपर ले जाती है और कभी नीचे भी गिरा देती है और कभी तो ऐसा लगता है कि हमारे लक्ष्य तक जाना मुश्किल है। लेकिन अगर आप ज़िंदगी को सांप सीडी की तरह देखे तो ये मुश्किलों से जीत पाएंगे और अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। अगर आप कोशिश करते रहे तो क्या पता आपका लक भी आपका साथ दे और आप जल्दी जीत जाओ क्युकी में तो यह मानता हु कि सिर्फ मेहनत से तो जीता नही जा सकता तोड़ा सा लक भी साथ देना चाहिए और ये में अपने अनुभव के कारण आपसे कह रहा हु, हो सकता है आप मुझसे सहमत न हो। लेकिन मेरा कहने का तात्पर्य बस यही है की हमे रुकना नही है और कोशिश करते रहना है और जीतकर खुदको आगे बड़ाना है। -आपसे फिर मिलूंगा मे...

ज़माना क्या कहेगा ?

Image
"ज़माना क्या कहेगा" इस एक वाक्य ने कितनों को सफल होने से रोक दिया, कितनों के सपने तोड़ दिए और इसी वाक्य ने कितनों को पहला कदम बड़ाने से ही रोक दिया। हमे बचपन से ही सिखाया जाता है की इस तरीके से खाना है, इस तरीके से उठना बैठना है, पढ़ाई लिखाई कर के एक अच्छी नौकरी में लग जाना है। अगर इसके बाहर हम कुछ करना चाहे तो "ज़माना क्या कहेगा" हमने अपने आप को इतना हवाले कर दिया है इस ज़माने के, की सपने में भी अगर हम कुछ आउट ऑफ द बॉक्स करना चाहे तो एक आवाज आती है "ज़माना क्या कहेगा" हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे है लेकिन आज भी एक बच्चा अपने परिवार को अपने सपने या उसके शौक के बारे में खुल के चर्चा नहीं कर सकता क्योंकि बच्चे को भी अच्छी तरह से पता है कि अगर मैंने अपने शौक या सपने बताए तो सामने से यही जवाब आयेगा "ज़माना क्या कहेगा" बेटी की शादी में खाना अच्छा नही बने तो "ज़माना क्या कहेगा" परीक्षा में नंबर कम आय या फेल होगए तो "ज़माना क्या कहेगा" असल में देखा जाय तो हम इस ज़माने के चक्रवियू में कुछ इस कदर फस चुके है जहां से निकलना मु...