मेरे पंख होते तो....

मेरे पंख होते तो मैं निकल जाता पक्षियों के झुंड के साथ दुनिया की सैर करने ना किसी से मंजूरी लेने की प्रक्रिया ना कोई एक जगह रहने की पाबंदी सबके साथ रहकर ना कोई अकेलापन और जहां नजर जाय बस दिखे गगन। जहां वो डेरा डालते वहां मैं भी विश्राम कर लेता वो मुझसे पूछते मैं उनसे पूछता जीवन कैसा है वो कहते इंसानी जीवन मैं कहता पक्षी जीवन इसी मीठे तर्क वितर्क के बाद सब मुस्कराते एक साथ मेरे पंख होते तो मैं निकल जाता पक्षियों के झुंड के साथ दुनिया की सैर करने। -आपसे फिर मिलूंगा मेरे अगले ब्लॉग में।